मेरा नाम सीमा है। है। जब भी मैं कहीं बाहर जाती हूँ तो सभी मर्द मुझे कामुक नज़रों से देखते हैं। मुझे भी ये बहुत पसंद है कि सभी मर्द मुझे देखें। मैं बचपन से ही बहुत ओपेनमाइंडेड हूं पर मैंने काफी टाइम से सेक्स नहीं किया था और घर पर मेरी शादी की बातें चलने लगीं थी जिनको सुन कर मेरी चूत में और आग लग जाती थी
इसलिये मैंने सोचा कि इस तरह तड़पने से तो अच्छा है कि क्यों ना किसी और मर्द से चुदवा लूँ। पहले तो मैंने बहुत सोचा कि ये गलत है पर क्या करती… चूत मान ही नहीं रही थी मेरी। चूत को तो लन्ड चाहिये थे बस। दिन – रात मैं हर वक्त बस चुदाई के बारे में सोचने लगी। किसी और चीज़ में मन ही नहीं लगता। चाहे कोई भी हो मैं हर मर्द को गंदी नज़रों से ही देखती। मेरी नज़र हमेशा मर्दों की टाँगों के बीच में ही जम जाती थी। हद ये हो गयी थी कि कोई जानवर भी दिख जाता तो नज़रें उसके लन्ड को ही ढूँढतीं।




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